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१ ग़रज़ “ऐ भाइयो!, हम तुम से दरख़्वास्त करते हैं और ख़ुदावन्द ईसा में तुम्हें नसीहत करते हैं कि जिस तरह तुम ने हम से मुनासिब चाल चलने और “ख़ुदा”को ख़ुश करने की ता'लीम पाई और जिस तरह तुम चलते भी हो उसी तरह और तरक़्क़ी करते जाओ। २ क्योंकि तुम जानते हो कि हम ने तुम को ख़ुदावन्द ईसा' की तरफ़ से क्या क्या हुक्म पहुँचाए। ३ चुनाँचे ख़ुदा की मर्ज़ी ये है कि तुम पाक बनो, या'नी हरामकारी से बचे रहो। ४ और हर एक तुम में से पाक़ीज़गी और इज़्ज़त के साथ अपने ज़र्फ़ को हासिल करना जाने। ५ न बुरी ख़्वाहिश के जोश से उन कौमों की तरह जो ख़ुदा को नहीं जानतीं ६ और कोई शख़्स अपने भाई के साथ इस काम में ज़्यादती और दग़ा न करे क्योंकि ख़ुदावन्द इन सब कामों का बदला लेने वाला है चुनाँचे हम ने पहले भी तुम को आगाह करके जता दिया था। ७ इसलिए कि “ख़ुदा” ने हम को नापाकी के लिए नहीं बल्कि पाकीज़गी के लिए बुलाया। ८ पस, जो नहीं मानता वो आदमी को नहीं बल्कि“ख़ुदा”को नहीं मानता जो तुम को अपना पाक रूह देता है । ९ मगर भाई-चारे की मुहब्बत के ज़रिये तुम्हें कुछ लिखने की हाजत नहीं क्योंकि तुम ने आपस में मुहब्बत करने की”ख़ुदा” से ता'लीम पा चुके हो। १० और तमाम मकिदुनिया के सब भाइयों के साथ ऐसा ही करते हो “लेकिन ऐ भाइयो! हम तुम्हें नसीहत करते हैं कि तरक़्क़ी करते जाओ। ११ और जिस तरह हम ने तुम को हुक्म दिया चुप चाप रहने और अपना कारोबार करने और अपने हाथों से मेहनत करने की हिम्मत करो। १२ ताकि बाहर वालों के साथ संजीदगी से बरताव करो और किसी चीज़ के मोहताज न हो। १३ ऐ भाइयों! हम नही चाहते कि जो सोते है उनके बारे मे तुम नावाक़िफ़ रहो ताकि औरो की तरह जो ना उम्मीद है ग़म ना करो । १४ क्योंकि जब हमें ये यक़ीन है कि “ईसा” मर गया और जी उठा तो उसी तरह “ख़ुदा”उन को भी जो सो गए हैं “ईसा” के वसीले से उसी के साथ ले आएगा। १५ चुनाँचे हम तुम से “ख़ुदावन्द” के कलाम के मुताबिक़ कहते हैं कि हम जो ज़िन्दा हैं और “ख़ुदावन्द”के आने तक बाक़ी रहेंगे सोए हुओं से हरगिज़ आगे न बढ़ेंगे। १६ क्योंकि “ख़ुदावन्द”ख़ुद आसमान से लल्कार और खास फ़रिश्ते की आवाज़ और “ख़ुदा” के नरसिंगे के साथ उतर आएगा और पहले तो वो जो “मसीह” में मरे जी उठेंगे। १७ फिर हम जो ज़िन्दा बाक़ी होंगे उनके साथ बादलों पर उठा लिए जाएँगे; ताकि हवा में “ख़ुदावन्द” का इस्तक़बाल करें और इसी तरह हमेशा “ख़ुदावन्द” के साथ रहेंगे। १८ पस, तुम इन बातों से एक दूसरे को तसल्ली दिया करो।