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जयवन्त परमेश्‍वर
प्रधान बजानेवाले के लिये: तारवाले बाजों के साथ, आसाप का भजन, गीत
 
१ परमेश्‍वर यहूदा में जाना गया है,
उसका नाम इस्राएल में महान हुआ है।
२ और उसका मण्डप शालेम में,
और उसका धाम सिय्योन में है।
३ वहाँ उसने तीरों को,
ढाल, तलवार को और युद्ध के अन्य हथियारों को तोड़ डाला। (सेला)
४ हे परमेश्‍वर, तू तो ज्योतिर्मय है:
तू अहेर से भरे हुए पहाड़ों से अधिक उत्तम और महान है।
५ दृढ़ मनवाले लुट गए, और भरी नींद में पड़े हैं;
और शूरवीरों में से किसी का हाथ न चला।
६ हे याकूब के परमेश्‍वर, तेरी घुड़की से,
रथों समेत घोड़े भारी नींद में पड़े हैं।
७ केवल तू ही भययोग्य है;
और जब तू क्रोध करने लगे, तब तेरे सामने कौन खड़ा रह सकेगा?
८ तूने स्वर्ग से निर्णय सुनाया है;
पृथ्वी उस समय सुनकर डर गई, और चुप रही,
९ जब परमेश्‍वर न्याय करने को,
और पृथ्वी के सब नम्र लोगों का उद्धार करने को उठा*। (सेला)
१० निश्चय मनुष्य की जलजलाहट तेरी स्तुति का कारण हो जाएगी,
और जो जलजलाहट रह जाए, उसको तू रोकेगा।
११ अपने परमेश्‍वर यहोवा की मन्नत मानो, और पूरी भी करो;
वह जो भय के योग्य है*, उसके आस-पास के सब उसके लिये भेंट ले आएँ।
१२ वह तो प्रधानों का अभिमान मिटा देगा;
वह पृथ्वी के राजाओं को भययोग्य जान पड़ता है।