ज़बूर
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1
ऐ ख़ुदावन्द के बन्दो! आओ सब ख़ुदावन्द को मुबारक कहो!
तुम जो रात को ख़ुदावन्द के घर में खड़े रहते हो!
2
हैकल की तरफ़ अपने हाथ उठाओ,
और ख़ुदावन्द को मुबारक कहो!
3
ख़ुदावन्द, जिसने आसमान और ज़मीन को बनाया,
सिय्यून में से तुझे बरकत बख़्शे।
ज़बूर
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