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मैं अपनी आँखें पहाड़ों की तरफ उठाऊगा;
मेरी मदद कहाँ से आएगी?
मेरी मदद ख़ुदावन्द से है,
जिसने आसमान और ज़मीन को बनाया।
वह तेरे पाँव को फिसलने न देगा;
तेरा मुहाफ़िज़ ऊँघने का नहीं।
देख! इस्राईल का मुहाफ़िज़,
न ऊँघेगा, न सोएगा।
ख़ुदावन्द तेरा मुहाफ़िज़ है;
ख़ुदावन्द तेरे दहने हाथ पर तेरा सायबान है।
न आफ़ताब दिन को तुझे नुक़सान पहुँचाएगा,
न माहताब रात को।
ख़ुदावन्द हर बला से तुझे महफूज़ रख्खेगा,
वह तेरी जान को महफूज़ रख्खेगा।
ख़ुदावन्द तेरी आमद — ओ — रफ़्त में,
अब से हमेशा तक तेरी हिफ़ाज़त करेगा।