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इस्तिसना
मूसा इसराईलियों से मुख़ातिब होता है
राहनुमा मुक़र्रर किए गए
मुल्के-कनान में जासूस
रेगिस्तान में दुबारा सफ़र
सीहोन बादशाह से जंग
बसन के बादशाह ओज की शिकस्त
यरदन के मशरिक़ में मुल्क की तक़सीम
मूसा को यरदन पार करने की इजाज़त नहीं मिलती
फ़रमाँबरदारी की अशद्द ज़रूरत
बुतपरस्ती के बारे में आगाही
रब ही हमारा ख़ुदा है
यरदन के मशरिक़ में पनाह के शहर
शरीअत का पेशलफ़्ज़
दस अहकाम
लोग रब से डरते हैं
सबसे बड़ा हुक्म
दूसरी कनानी क़ौमों को निकालना है
रब को न भूलना
मुल्क मिलने का सबब इसराईल की रास्ती नहीं है
सोने का बछड़ा
मूसा को नई तख़्तियाँ मिलती हैं
इमामों और लावियों की ख़िदमत
रब का ख़ौफ़
रब से मुहब्बत रख और उस की सुन
मुल्क में रब के अहकाम
मुल्क में एक ही जगह पर मक़दिस हो
देवताओं की तरफ़ ले जानेवालों से सुलूक
पाक और नापाक जानवर
अपनी पैदावार का दसवाँ हिस्सा मख़सूस करना
क़र्ज़दारों की बहाली का साल
ग़ुलामों को आज़ाद करने का फ़र्ज़
जानवरों के पहलौठे मख़सूस हैं
फ़सह की ईद
फ़सल की कटाई की ईद
झोंपड़ियों की ईद
क़ाज़ी मुक़र्रर करना
बुतपरस्ती की सज़ा
मक़दिस में आलातरीन अदालत
बादशाह के बारे में उसूल
इमामों और लावियों का हिस्सा
जादूगरी मना है
नबी का वादा
पनाह के शहर
ज़मीनों की हद्दें
अदालत में गवाह
जंग के उसूल
नामालूम क़त्ल का कफ़्फ़ारा
जंगी क़ैदी औरत से शादी
पहलौठे के हुक़ूक़
सरकश बेटा
सज़ाए-मौत पानेवाले को उसी दिन दफ़नाना है
मदद करने के लिए तैयार रहना
क़ुदरती इंतज़ाम के तहत रहना
इज़दिवाजी ज़िंदगी की हिफ़ाज़त
मुक़द्दस इजतिमा में शरीक होने की शरायत
ख़ैमागाह में नापाकी
फ़रार हुए ग़ुलामों की मदद करना
मंदिर में इसमतफ़रोशी मना है
अपने हमवतनों से सूद न लेना
अपनी मन्नत पूरी करना
दूसरे के बाग़ में से गुज़रने का रवैया
तलाक़ और दुबारा शादी
मज़ीद हिदायात
ग़रीबों के हुक़ूक़
कोड़े लगाने की मुनासिब सज़ा
बैल का मुँह न बाँधना
मरहूम भाई की बीवी से शादी करने का हुक्म
झगड़े में नाज़ेबा हरकतें
धोका न देना
अमालीक़ियों को सज़ा देना
ज़मीन की पहली पैदावार रब को पेश करना
फ़सल का ज़रूरतमंदों के लिए हिस्सा
तुम रब की क़ौम हो
ऐबाल पहाड़ पर क़ुरबानगाह बनाना है
ऐबाल पहाड़ पर से लानत
फ़रमाँबरदारी की बरकतें
नाफ़रमानी की लानतें
मोआब में रब के साथ नया अहद
बुतपरस्ती की सज़ा
तौबा के मुसबत नतीजे
ज़िंदगी या मौत का चुनाव
यशुअ को मूसा की जगह मुक़र्रर किया जाता है
हर सात साल के बाद शरीअत की तिलावत
रब मूसा को आख़िरी हिदायात देता है
मूसा का गीत
मूसा का नबू पहाड़ पर इंतक़ाल
मूसा क़बीलों को बरकत देता है
मूसा की वफ़ात