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1 ✡ ११:१ १ कुरिन्थियों ४:१६; फिलिप्पियों ३:१७तुम मोरी जसी चाल चलो जसो मय मसीह को जसी चाल चलू हय।
आराधना म मुंड ख ओड़नो
2 हे भाऊ, मय तुम्हरी बड़ायी करू हय कि सब बातों म तुम मोख याद करय हय; अऊर जो शिक्षाये मय न तुम्ख दियो हंय, उन्को पालन करय हय। 3 पर मय चाहऊ हय कि तुम यो जान लेवो कि हर एक आदमी को मुंड मसीह आय, अऊर बाई को मुंड आदमी आय, अऊर मसीह को मुंड परमेश्वर आय। 4 हर असो जो आदमी मुंड पर ओड़्यो हुयो प्रार्थना या परमेश्वर को सन्देश देवय हय, ऊ अपनो मुंड को अपमान करय हय। 5 पर हर असी बाई जो बिना मुंड पर ओड़्यो प्रार्थना करय हय यां परमेश्वर को सन्देश देवय हय, वा अपनो मुंड को अपमान करय हय, कहालीकि वा टकली होन को बराबर हय। 6 यदि बाई मुंड पर नहीं ओढ़ेंन त बाल भी कटाय लेवो; यदि बाई लायी बाल कटानो यां मुंडन करनो शरम की बात हय, त मुंड पर ओढ़ लेवो। 7 हां, आदमी ख अपनो मुंड ओड़नो ठीक नहाय, कहालीकि ऊ परमेश्वर को समानता अऊर महिमा हय; पर बाई आदमी की महिमा हय। 8 कहालीकि आदमी बाई सी नहीं बनायो, पर बाई आदमी सी बनायो हय; 9 अऊर आदमी बाई लायी नहीं बनायो गयो, पर बाई आदमी लायी बनायी गयी हय। 10 यो वजह अऊर स्वर्गदूतों को वजह बाई ख ठीक हय कि अधिकार को चिन्ह समझ क मुंड पर रखे। 11 तब भी प्रभु म नहीं त बाई बिना आदमी, अऊर नहीं आदमी बिना बाई को हय। 12 कहालीकि जसी बाई आदमी सी हय, वसोच आदमी बाई सी जनम लेवय हय; पर सब चिजे परमेश्वर को द्वारा आयी हंय।
13 तुम खुदच बिचार करो, का बाई ख उघाड़्यो मुंड परमेश्वर सी प्रार्थना करनो शोभा देवय हय? 14 का स्वाभाविक रीति सी भी तुम नहीं जानय कि यदि आदमी लम्बो बाल रखय, त ओको लायी ठीक नहाय। 15 पर यदि बाई लम्बो बाल रखय त ओको लायी शोभा हय, कहालीकि बाल ओख ढाकन लायी दियो गयो हंय। 16 पर यदि कोयी यो बारे म विवाद करनो चाहेंन, त यो जान लेवो कि नहीं हमरी अऊर नहीं परमेश्वर की मण्डली की असी रीति हय।
प्रभु-भोज को बारे म
(मत्ती २६:२६-२९; मरकुस १४:२२-२५; लूका २२:१४-२०)
17 पर यो आज्ञा देतो हुयो मय तुम्हरी प्रशंसा नहीं करू हय, येकोलायी कि तुम परमेश्वर की आराधना करन लायी जमा होवय हय त भलायी नहीं, पर हानि होवय हय। 18 कहालीकि पहिले त मय यो सुनू हय, कि जब तुम मण्डली म जमा होवय हय त तुम म फूट होवय हय, अऊर मय येको पर कुछ विश्वास भी करू हय। 19 कहालीकि दलबन्दी भी तुम म जरूरी होयेंन, येकोलायी कि जो लोग तुम म जो सच्चो हंय हि प्रगट होय जाये। 20 येकोलायी तुम जो एक जागा म जमा होवय हय त यो प्रभु-भोज खान लायी नहीं, 21 कहालीकि खान को समय एक दूसरों सी पहिले अपनो जेवन कर लेवय हय, यो तरह सी कोयी त भूखो रह्य हय अऊर कोयी मतवालो होय जावय हय। 22 का खान-पीन लायी तुम्हरो घर नहाय? यां परमेश्वर की मण्डली ख तुच्छ जानय हय, अऊर जिन्को जवर नहीं हय उन्ख लज्जित करय हय? मय तुम सी का कहूं? का या बात म तुम्हरी प्रशंसा करू? नहीं, मय प्रशंसा नहीं करू।
23 कहालीकि या शिक्षाये मोख प्रभु सी मिली, अऊर मय न तुम्ख भी पहुंचाय दियो कि प्रभु यीशु न जो रात ऊ पकड़ायो गयो, रोटी ली, 24 अऊर परमेश्वर को धन्यवाद कर क् ओख तोड़ी अऊर कह्यो, “यो मोरो शरीर आय, जो तुम्हरो लायी दियो गयो हय: मोरो याद लायी योच करयो जाये।” 25 योच रीति सी ओन प्याला भी लियो अऊर कह्यो, “यो प्याला मोरो खून म नयी वाचा आय: जब कभी पीवो, त मोरो याद लायी योच करयो जाये।”
26 कहालीकि जब कभी तुम यो रोटी खावय अऊर यो प्याला म सी पीवय हय, त प्रभु की मृत्यु ख जब तक ऊ नहीं आय जाय, प्रचार करजे हय। 27 येकोलायी जो कोयी नियम को विरुद्ध प्रभु की रोटी खायेंन या ओको प्याला म सी पीयेंन, ऊ प्रभु को शरीर अऊर खून को पापी ठहरेंन। 28 येकोलायी आदमी अपनो आप ख परख लेवो अऊर योच रीति सी यो रोटी म सी खाये, अऊर यो प्याला म सी पी। 29 कहालीकि जो खातो-पीतो समय प्रभु को शरीर ख नहीं पहिचानय, ऊ यो खान अऊर पीन सी अपनो ऊपर सजा लावय हय। 30 योच वजह तुम म बहुत सो कमजोर अऊर रोगी हंय, अऊर बहुत सो मर भी गयो। 31 यदि हम अपनो आप ख जांचतो त परमेश्वर को तरफ सी सजा नहीं पातो 32 पर प्रभु हम्ख न्याय कर क सजा देवय हय, येकोलायी कि हम जगत को संग दोषी नहीं ठहरबोंन।
33 येकोलायी, हे मोरो भाऊ-बहिनों, जब तुम प्रभु-भोज लायी जमा होवय हय त एक दूसरों लायी रुक्यो रहो। 34 यदि कोयी भूखो हय त अपनो घर म खाय ले, जेकोसी तुम्हरो जमा होनो सजा को वजह नहीं होय। बाकी बातों ख मय आय क ठीक करू।